कबीर गुरु वंदना

गुरु ने साधे जगत के, साधन सभी असाध्य। गुरु-पूजन, गुरु-वंदना, गुरु ही है आराध्य।। गुरु से नाता शिष्य का, श्रद्धा भाव अनन्य। गुरु गोविन्द की सीख से, कई शिष्य तैयार । धर्म विरुद्ध समूह का, करने को प्रतिकार।। तुलसी, सूर-कबीर भी, गुरु से लेकर ज्ञान। यदि अपने जीवन का कल्याण चाहते हो, तो सतगुरु की खोज करो जो आपके पाप मिटाकर आपको जन्म – मरण से रहित कर देगा।, जो मिस्त्री का काम सिखाए वह भी गुरू,जो बाल काटने सिखाए, कपड़ा सिलना सिखाए, जो‌ खाना बनाना सिखाए ,माता पिता चलना और जीना सिखाते , रिश्तेदार रिश्ते निभाना , अध्यापक शिक्षा का महत्व बताते हैं यह सभी अपनी तरह के अलग गुरू हैं। जो आपको आर्ट आफ लिविंग सिखाए ,योगा सिखाने, कुण्डली साधना सिखाए ,यहां वहां का ज्ञान बांचें , ब्रह्म तक की साधना बताएं, मुरली सुनाएं ,कर‌नैनों दीदार तक का ज्ञान दें समाज में ऐसे व्यवहारिक गुरूओं की कमी नहीं है।, Guru Purnima 2020 Hindi: विश्व की वर्तमान जनसंख्या 7.61 अरब है और हर व्यक्ति को अपनी ज़िंदगी में एक मसीहा या गुरू की आवश्यकता होती है। साक्षर ज्ञान कराने वाला गुरू सम्माननीय है परंतु जो सहज में अध्यात्म ज्ञान दे दे उससे बड़ा दूसरा कोई और गुरु नहीं।, विद्यालय में जो गुरू है वह आपको स्कूल के बाद क्या बनना है और पैसा कैसे कमाना है इसकी शिक्षा देगा।माता पिता भी गुरू की तरह ही होते हैं। जो समय समय पर मार्ग दर्शन करते हैं। परंतु प्रत्येक व्यक्ति को एक ऐसा गुरू चाहिए जो सबको एक जैसा ज्ञान दे,जो आत्मा की ज़रूरत को समझे, आखिर ऐसा गुरू कौन है? गुरु कृपा जिस पर हुई, उसका हुआ उद्धार । ज्ञानी उसको मानकर, करते सब सत्कार ।।, 6. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. जो आर्ट ऑफ लिविंग,योगा, व्यवहारिक, सामाजिक ज्ञान से हटकर‌ पूर्ण परमात्मा का सच्चा ज्ञान‌ दे, जो वाकई में पूजनीय हो। सामाजिक गुरू सम्माननीय होते हैं परंतु पूजनीय तो केवल एक कबीर है।, गुरु गोविंद करी जानिए, रहिए शब्द समाय ।मिलै तो दण्डवत बन्दगी , नहीं पलपल ध्यान लगाय ।।, कबीर साहेब जी कहते हैं – हे मानव! 439), उपरोक्त वाणी में, गुरु नानक जी स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि साहिब (भगवान) केवल एक हैं और मेरे गुरु जी ने नाम जाप का उपदेश दिया। उनके अनेक रूप हैं। वो ही सत्यपुरुष हैं, वो जिंदा महात्मा के रूप में भी आते है, वो ही एक बुनकर (धानक) के रूप में बैठे हुए हैं, एक साधारण व्यक्ति यानी भक्त की भूमिका करने भी स्वयं आते हैं।, गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय।बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥, हिंदू धर्म में गुरु और ईश्वर दोनों को एक समान माना गया है। गुरु भगवान के समान है और भगवान ही गुरु हैं। गुरु ही ईश्वर को प्राप्त करने और इस संसार रूपी भव सागर से निकलने का रास्ता बताते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर मानव परमात्मा और मोक्ष को प्राप्त करता है। शास्त्रों और पुराणों में कहा गया कि अगर भक्त से परमात्मा नाराज़ हो जाते हैं तो गुरु ही आपकी रक्षा और उपाय बताते हैं। आज के समय में ऐसा गुरू एकमात्र संत रूप में संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो मानव को परमात्मा से मिलवा कर मोक्ष प्रदान कर रहे हैं।, गुरु बनाने से पहले यह जानना भी ज़रूरी है कि गुरू का गुरू कौन है जैसे डाक्टर से इलाज करवाने से पहले उसकी डिग्री देखते हैं, अध्यापक को नौकरी पर रखने से पहले उसका शिक्षा संबंधी बैकग्राउंड चैक करते हैं उसी प्रकार गुरू बनाने से पहले यह जांचना ज़रूरी है कि गुरू , गुरू कहलाने लायक भी है या नहीं।, कबीर साहेब जी 600 वर्ष पूर्व काशी में आए थे जब उन्होंने पांच वर्ष की आयु में 104 वर्षीय रामानंद जी को अपना गुरू बनाया। अति आधीन रहकर गुरू शिष्य परंपरा का निर्वाह किया व समाज को यह उदाहरण करके दिखाया कि जब सृष्टि का पालनहार गुरू बनाकर नियम में रहकर भक्ति कर रहा है तो आप किस खेत की मूली हैं।, जब तक गुरू मिले न सांचातब तक गुरू करो दस पांचा।।, सच्चा सतगुरु वही है जो हमारे सभी धर्मों के शास्त्रों से सिद्ध ज्ञान और सद्बुद्धि देकर मोक्ष देता है। आज वर्तमान पूरे विश्व में जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे व पूर्ण गुरु है, इसलिए संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण करवाए, Vikas Dubey latest Hindi News: पढें विकास दुबे कानपुर की ताज़ा खबर, International & National Hindi News Today | SA News. अनुक्रम . गुरु वंदना. कवि ने गुरु को दाता क्यों कहा है? शास्त्रों के अनुसार जो साधना बताता है, वही केवल पूर्ण गुरु है, संत रामपाल जी महाराज जी पुरे विश्व मे मात्र एक संत है जो शास्त्रो के अनुसार भक्ति बताते है।, इस गुरु पूर्णिमा पर सच्चे गुरु जगतगुरु तत्वदर्शी संत संत रामपाल जी महाराज जी को कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम।. #RealGuru_SaintRampalJi pic.twitter.com/uPVyJafCE8, Guru Purnima 2020 Hindi: मनुष्य जन्म में किए धर्म (पुण्य-दान) को कुत्ते के जन्म में प्राप्त करके वह प्राणी फिर अन्य पशुओं या अन्य प्राणियों का जन्म प्राप्त करता है। इस प्रकार 84 लाख प्रकार की योनियों को भोगता है। कष्ट पर कष्ट उठाता है। यदि वह मनमुखी धर्म करने वाला धार्मिक व्यक्ति कुत्ते के जीवन में धर्म का फल पूरा करके सूअर का जन्म प्राप्त कर लेता है तो उसको अब कौन-सी सुविधा प्राप्त हो सकती है।, यदि उस प्राणी ने मानव शरीर में गुरु बनाकर धर्म (दान-पुण्य) यज्ञ की होती तो वह या तो मोक्ष प्राप्त कर लेता। यदि भक्ति पूरी नहीं हो पाती तो मानव जन्म अवश्य प्राप्त होता तथा मानव शरीर में वे सर्व सुविधाएं भी प्राप्त होती जो कुत्ते के जन्म में प्राप्त थी। मानव जन्म में फिर कोई साधु सन्त-गुरु मिल जाता और वह अपनी भक्ति पूरी करके मोक्ष का अधिकारी बनता। इसलिए कहा है कि यज्ञों का वास्तविक लाभ प्राप्त करने के लिए पूर्ण गुरुको धारण करना अनिवार्य है।, गुरु को मानुष जानते, ते नर कहिए अन्ध ।होय दुखी संसार में , आगे जम की फन्द ।।, कबीर जी ने सांसारिक प्राणियों को ज्ञान का उपदेश देते हुए कहा है की जो मनुष्य गुरु को सामान्य प्राणी (मनुष्य) समझते हैं उनसे बड़ा मूर्ख जगत में अन्य कोई नहीं है, वह आंखों के होते हुए भी अन्धे के समान हैं तथा जन्म-मरण के भव-बंधन से मुक्त नहीं हो पाते । विषय ज्ञान देने वाले गुरू से श्रेष्ठ आध्यात्मिक ज्ञान देने वाला गुरू होता है जो जगत का पालनहार होता है। (पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा), जो मनुष्य को आत्म और परमात्म ज्ञान का भेद बताए आत्म ज्ञान जिससे मनुष्य को यह ज्ञान होता है कि आत्मा न तो नर है न नारी वह किसी ‌और चोले में है। परमात्म ज्ञान जिससे मनुष्य को यह ज्ञान होना कि परमात्मा कौन है , कैसा है, कहां रहता है, पृथ्वी पर कब और क्यों आता है , मनुष्य और परमात्मा का क्या संबंध है? गुरु के आशीर्वाद से, हो जाए सब काम । उनके चरणों में बसे, तीरथ चारों धाम ।।, इस दोहा संग्रह का विडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-, “ गुरु पर दोहे ” आपको कैसे लगे ? सच्चे मन से जो करे, अपने गुरु का ध्यान । पड़े नहीं विपदा कभी, जीवन हो आसान ।।, 4. बार बार वंदना. भजन: गुरु बिन घोर अँधेरा संतो | यूट्यूब गुरु भजन वीडियो के लिरिक्स / बोल हिन्दी अंग्रेज़ी में सुनें | YouTube Asha Vaishnav Ke Guru Bhajan Guru Bina Ghor Andhera Re Santo Lyrics Hindi Aur English Main #2 Answers, Listen to Expert Answers on Vokal - India’s Largest Question & Answers Platform in 11 Indian Languages. दूर करें अज्ञान सब, देकर ज्ञान प्रकाश । गुरु ही करते हैं सदा, अनपढ़ता का नाश ।।, 2. Kabir Ke Dohe, Bhajan (Kabir Vani) : संत कबीर दास 15वीं सदी के प्रसिद्ध कवि और संत थे। भारत के महान संत एवं समाज सुधारक कबीरदास ने भक्ति आंदोलन पर काफी प्रभाव डाला था। कबीर को हम एक ऐसे संत के रूप में पहचानते हैं जिन्होंने हर धर्म, हर वर्ग के लिए अनमोल सीख दी है। प्रस्तुत है कबीर के गुरु के बारे में रचे गए दोहे : गुरु ही चारों वेद हैं, गुरु हैं सभी पुराण । शिक्षा देकर कर रहे, सबका ही कल्याण ।।, 3. Tagline: Truth that you want to know, Guru Purnima 2020 [Hindi]: गुरु पूर्णिमा पर जानिए सच्चे गुरु के बारे में, Guru Purnima 2020-बिना गुरु मुक्ति संभव नहीं, Also Read: Guru Purnima 2020-The Glory of a True Guru, Guru Purnima 2020: बौद्ध ज्ञान से मोक्ष असंभव, परमात्मा ही गुरु की भूमिका स्वयं निभाते हैं, गौतम बुद्ध के ज्ञान से न तो लाभ संभव है न मोक्ष, © 2004 - 2018 Kabir Parmeshwar Bhakti Trust (Regd) - All Rights Reserved, Login to add posts to your read later list. The role of Guru in humans life is very necessary. संशय सारे दूर हों, ऐसा गुरु दें ज्ञान । अवगुण मिटते हैं सभी, मिलता है सम्मान ।।, 10. 352)​, बूडत जगु देखिआ तउ डरि भागे।​सतिगुरु राखे से बड़ भागे, नानक गुरु की चरणों लागे।। (पृ. हाथ जोड़ वंदन करूँ. 414), मैं गुरु पूछिआ अपणा साचा बिचारी राम। (पृ. अपने विचार कमेंट बॉक्स के जरिये हम तक जरूर पहुंचाएं।, पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर ये बेहतरीन दोहा संग्रह :-, ये कविताएं, शायरियां और कुछ विचार मेरी खुद की रचनाएं हैं। कुछ नकलची बंदरों ने इन्हें चुरा कर अपने ब्लॉग पर डाल लिया है। असली रचनाएं यहीं हैं। आशा करता हूँ कि यदि आप ये रचनाएं कहीं शेयर करते हैं तो हमारे ब्लॉग का लिंक साथ मे जरूर दें। मैं सिर्फ एक ब्लॉगर हूँ और अपने इस ब्लॉग क लिए खुद ही लिखता हूँ। धन्यवाद।, Guru Purnima Par Dohe | गुरु पूर्णिमा पर गुरु को समर्पित दोहे | Guru Mahima Ke Dohe In Hindi, एक इंसान अपने जीवन में कुछ भी कर सकता है। …, नमस्ते नमस्कार में अंतर – नमस्कार और नमस्ते, एक जैसे …, उत्तर प्रदेश में जब भी प्रधानी के चुनाव होते हैं …, गुरु पर दोहे – गुरु महिमा व गुरु पूर्णिमा पर दोहे | Guru Purnima Par Dohe, शिक्षक दिवस पर दोहे | अध्यापकों को समर्पित 10 दोहे, दोस्ती पर दोहे | दोस्ती के रिश्ते को समर्पित हिंदी दोहा संग्रह, अनुशासन पर दोहे | इंसान के जीवन में अनुशासन का महत्व बताते दोहे, राधा कृष्ण होली गीत :- कृष्ण न आये बरसाने राधा जी राह निहारें, नारी शक्ति पर दोहे :- महिला दिवस और नारी के सम्मान में दोहे, कबीर के दोहे अर्थ सहित | कबीर की रचनाओं का संकलन भाग – 2, नमस्ते नमस्कार में अंतर | Namaste Namaskar …, ApratimBlog.Com | Motivational Hindi Blog. ऐसा उच्च कोटि का ज्ञान कोई साधारण गुरू नहीं दे सकता । इसके लिए सतगुरू की तलाश करनी चाहिए।, गुरु पूर्णिमा बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध, जिन्होंने ‘मोक्ष’ की तलाश में अपना राज्य और सिंहासन त्याग दिया था, ने इस शुभ दिन पर अपना पहला उपदेश दिया था जिसे कुछ लोगों द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। परंतु सनद रहे गौतम बुद्ध का अपना कोई गुरू नहीं था उनका ज्ञान व्यवहारिक और साधारण था तथा आत्म और परमात्म ज्ञान से कोसों दूर था। गौतम बुद्ध के ज्ञान से न तो लाभ संभव है न मोक्ष। जब मोक्ष गौतम बुद्ध का ही नहीं हुआ तो बुद्ध धर्म को जीवित रखने वालों का कैसे संभव है। स्वप्न में भी नहीं।, सतगुरु खोजे संत, जीव काज को चाहहु |मेटो भव के अंक, आवा गवन निवारहु ||, हे मनुष्यों! भजन: मन फूला फूला फिरे जगत में | यूट्यूब गुरु भजन वीडियो के लिरिक्स / बोल हिन्दी अंग्रेज़ी में सुनें | Youtube Kabir Bhajan Video Mann Fula Fula Phire Jagat Mein Lyrics Hindi Aur English Main गुरुनाम सहारा मेरा है दूर करें अज्ञान सब, देकर ज्ञान प्रकाश । गुरु ही करते हैं सदा, अनपढ़ता का नाश ।। 2. गुरु के बल पर ही सदा, मानव करे विकास । बिन गुरु संभव है नहीं, रचना कोई इतिहास ।।, 8. आरती. कबीर दास जी ने गुरु और ईश्वर की तुलना किस प्रकार की है? Bikaner News in Hindi: 'ना सूरत में ना मूरत में, ना एकांत वास में, मोको कहां ढूंढे बंदे, मैं तो तेरे पास में, ...' सरीखी कबीर की साखियां बीकानेर में साकार हुई। शब्दों में संभव नहीं, गुरु महिमा का गान । पहले गुरु को पूजिए, फिर पूजो भगवान ।।, 5. 1. सच्रुचा गुरू वही है जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताते हैं. गुरु का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। गुरु हमें शिक्षा देते हैं। गुरु जिन्हें हम आचार्य , अध्यापक और टीचर के नाम से भी जानते हैं, हमें अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं। एक सभ्य समाज का निर्माण करने में गुरु का बहुत बड़ा योगदान होता है। गुरु का स्थान तो भगवान से’ भी बड़ा होता है। कबीर जी ने भी अपने दोहों में भी अकसर गुरु की महिमा का गान किया है। गुरु की महानता देखते हुए ही आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आइये पढ़ते हैं गुरु को समर्पित “ गुरु पर दोहे ”, 1. नरात्मक प्रश्न-कबीर ने कौनसे गुरु की नित्य वंदना करने को 350), जो तिन कीआ सो सचु थीआ, अमृत नाम सतगुरु दीआ।। (पृ. गुरु पर दोहे. Kabir Das Ji Ne Guru Aur Ishwar Ki Tulna Kis Prakar Ki Hai? गुरु अंधे की आँख है, गुरु भटके की राह । सच्चा गुरु जो मिल गया, रहे न कोई चाह ।।, 7. Guru Purnima 2020 Hindi: गुरु पूर्णिमा रविवार, 5 जुलाई को आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन भारत में मनाई जाएगी।, Guru Purnima 2020 Hindi: गुरु पूर्णिमा को व्‍यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्मदिवस भी होता है। लगभग 5000 साल पहले, महर्षि वेद व्यास ने वेदों का संकलन किया था। उन्होंने मंत्रों को चार संहिताओं (संग्रह) में व्यवस्थित किया जो चार वेद हैं: पवित्र ऋग्वेद, पवित्र यजुर्वेद, पवित्र सामवेद, पवित्र अथर्ववेद। वे वैदिक संस्कृत में लिखे गए थे । लेकिन आज इन वेदों का हिंदी और कुछ अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया जा चुका है। वेद व्यास जी ने 18 पुराण और महाभारत को भी लिखा। यह वही वेद व्यास जी हैं जिनका पुत्र शुकदेव/सुखदेव था जो बारह वर्ष तक तीनों गुणों ब्रह्मा, विष्णु और शिव से डरकर मां के गर्भ में रहा था।, कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।।, पहले शुकदेव का कोई गुरू नहीं था। शुकदेव को अपने ज्ञान पर अंहकार था जिस कारण वह उड़ कर विष्णु लोक में पहुंच गया परंतु वहां के पहरेदारों ने उसे अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। अंदर न जाने देने का कारण था बिना गुरु का होना। पहरेदारों से प्रार्थना करने पर विष्णु जी द्वार पर शुकदेव से आकर मिले और विष्णु लोक में आने का कारण पूछा। विष्णु जी ने शुकदेव को बिना भाव दिए कहा, नीचे जाइए और जाकर राजा जनक को अपना गुरू बनाइए। विष्णु जी का यह आदेश पाकर शुकदेव जी ने राजा जनक से नामदीक्षा प्राप्त की। (राजा जनक पहले राजा अमरीश थे और कलयुग में गुरू नानक देव जी वाली आत्मा रूप में जन्म लिया। काशी वाले धानक/जुलाहे कबीर जी (परमात्मा) गुरू रूप में जब आए थे उनसे नामदीक्षा ली और अपना कल्याण करवाया।), नोट: संपूर्ण जानकारी के लिए प्रतिदिन शाम को देखें संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सत्संग 7.30-8.30 बजे।, यदि गुरु धारण किए बिना मनमर्जी से कुछ धर्म किया तो उसका फल भी मिलेगा क्योंकि जैसा कर्म मानव करता है, उसका फल परमात्मा अवश्य देता है, परन्तु ऐसा करने से न तो मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है और न ही मानव जन्म मिलना सम्भव है। बिना गुरु (निगुर) धार्मिक व्यक्ति को किये गये धर्म का फल पशु-पक्षी आदि की योनियों में प्राप्त होगा। जैसे हम देखते हैं कि कई कुत्ते कार-गाडि़यों में चलते हैं। मनुष्य उस कुत्ते का ड्राईवर होता है। वातानुकुल कक्ष में रहता है। विश्व के 80 प्रतिशत मनुष्यों को ऐसा पौष्टिक भोजन प्राप्त नहीं होता जो उस पूर्व जन्म के धर्म के कारण कुत्ते को प्राप्त होता है।, SatGuru is the one who tells the secret of "Satnam" (True Mantra).Only Saint Rampal Ji Maharaj Ji Has revealed the mystery of Satnam.Take refuge in Him to attain God.

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